Saturday, April 2, 2011

सिर्फ खेल???...



३० मार्च, भारत पाक मैच का इंतज़ार सबको बेसब्री से था,
हर कोई गा रहा था अपने अपने देश के खिलाडियों की खेल कुशाग्रता की गाथा ,
मैंने भी शुरू कर दी जश्न की तैयारी,
देखकर स्ताभ्ध मेरे पडोसी शर्मा जी तुरंत आये, जान ने को मेरी बीमारी,
बोले, मिस जोशी क्या आपकी तबियत तो ठीक है?
भारत के जीतने का अंदाजा क्या आपका एकदम सटीक है?
चोकलेट, पेस्ट्री, कोल्ड ड्रिंक, इतना सबकुछ लिया,
भारत की जीत का ऐलान क्या किसी ज्योतिषी ने पक्का किया?
मैंने मुस्कुराकर उनकी इस समस्या का समाधान किया ,
कुछ यूँ घुमा फिर कर उन्हें जवाब दिया,                                        
ये ही तो है शर्मा जी हमारी सोच में नयी तरक्की,
जीत तो आज की होनी है पक्की
मैच में खेलने वाली जब टीमें हो दो
तो जीत की आश्वस्तता क्यूँ न हो?
भारत की जीत में तो आज की शाम दिवाली की तरह सजा देंगे,
वरना हम भी कुछ कम नहीं, जब तैयारी हो पूरी, तो पाक की ही जीत का जश्न  मना लेंगे.
माना की ये भी एक बहुत पुराना किस्सा है,
लेकिन सच तो ये ही है, की पाक भी अपने ही भारत का हिस्सा है.
कितनी पीढ़ियों  से ये कहानी दोहराई  जा रही है,
मैच के नाम पे दोनों मुल्कों में दूरियां बढती नज़र आ रही हैं.
दोनों देश जल्द एक हो, मैं तो ये ही दुआ करुँगी,
आज की युवा पीढ़ी से इतनी ही इल्तेज़ा करुँगी,
भारत और पाक को एक ही नज़रिए से देखो,
खेल को युद्ध मत बनाओ खेल ही रहने दो......


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