every composition comes directly from the heart to paper.......its all about IMAGINATION.....that's the real art.....
Saturday, January 9, 2010
जीवन में बडते वक़्त के साथ
कुछ महसूस करती हूँ..
किसी चीज़ कि कमी
उस कमी पर कभी अफ़सोस करती हूँ
क्यूँ बचपन से इस उम्र तक आते आते ही
हमने कुछ खो दिया
एक खूबसूरत एहसास जिसे शायद पुराने लम्हों में ही बस संजो दिया
अब तो बस यादों में ही याद करके
होठों पर मुस्कान कि एक हलकी सी रेखा उभर आती है
लेकिन हर गुज़रते पल के साथ
क्यूँ उसकी कमी सी बढती जाती है
वो हंसी जो कभी खुलकर हमें गुदगुदा जाती थी
आज क्यूँ चाहकर भी हमारे करीब नहीं आती है
अब तो नकली मुस्कराहट है
नहीं तो कभी एक कडवी सी अट्टहास है
वो बचपन वाली हंसी जीवन के इन अंधेरों में कहीं खो गयी है
अब तो कभी लौट के भी ना आ सके
क्यूंकि शायद हमेशा के लिए कहीं सो गयी है
क्यूँ समय के साथ हम सभी के जीवन में मुश्किलें ऐसे रच जाती हैं
के खुल के हंसने के लिए फिर इस दिल में जगह ही नहीं बच पाती है .........
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
very cute yet very simple... love it all the way...keep writing ..fr Bhupesh
ReplyDeleteHindi me kavita padne ka majaa hi kuch aur haiji.
ReplyDelete